मन बेहिसाब मचलता रहता है,
खावबों की दुनिया में खोने को फिरता रहता है।
इश्क, बिना कुछ किए केसे हो जाता है
खावबों की दुनिया में खोने को फिरता रहता है।
इश्क, बिना कुछ किए केसे हो जाता है
और कुछ दिनों में ही ज़िन्दगी बन जाता है
और कुछ दिनों में ही जुंठा जाता है।मन बेहिसाब मचलता रहता है,
खावबों की दुनिया में खोने को फिरता है।
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